क्या Bank ने आपके Credit Card की लिमिट घटा दी है? जानिए ऐसे में आपको क्या करना चाहिए
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Tue, Dec 10, 2024 03:31 PM IST
क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल आज के वक्त में बहुत ज्यादा बढ़ चुका है. जो लोग भी क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते होंगे, वह जानते होंगे कि उस पर एक तय सीमा तक खरीदारी करने की लिमिट होती है. जितनी ज्यादा क्रेडिट लिमिट होगी, आप उतनी ही ज्यादा खरीदारी कर सकते हैं. यही वजह है कि कई बार लोग क्रेडिट लिमिट बढ़वाने की भी रिक्वेस्ट डालते हैं. अब जरा एक बार सोचिए कि आपकी क्रेडिट लिमिट बैंक घटा दे तो आपको कैसा लगेगा? आइए जानते हैं इसके बारे में.
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लिमिट घटने पर क्या करें?
अगर बैंक ने आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट घटा दी है तो आपको कस्टमर केयर को सबसे कॉल करना चाहिए. उनसे बात कर के आपको यह समझ आ जाएगा कि किस वजह से आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट को घटाया गया है. आप बैंक में क्रेडिट कार्ड लिमिट फिर से बढ़ाने की रिक्वेस्ट डाल सकते हैं और साथ ही उन कामों से बच सकते हैं, जिनसे लिमिट घटती है. क्रेडिट कार्ड की लिमिट 5 वजहों से घटती है.
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1- पेमेंट डिफॉल्ट करने पर
अगर भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों को देखें तो मार्च 2023 तक क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट बढ़कर 4072 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड के बकाया का भुगतान करने में कई बार देरी कर देते हैं तो बैंक आपको एक रिस्की ग्राहक की तरह देखता है. उसे लगता है कि आपके पास उतने पैसे नहीं हैं कि आप आसानी से क्रेडिट कार्ड बकाया चुका सकें और बैंक आपकी क्रेडिट लिमिट को घटा देता है.
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2- मिनिमम ड्यू चुकाकर बकाया को कैरी फॉरवर्ड करना
ऐसे भी बहुत सारे लोग होते हैं तो जो क्रेडिट कार्ड के मिनिमम ड्यू को चुकाकर अपने बकाया को अगले महीने तक के लिए कैरी फॉरवर्ड कर लेते हैं. अगर आप दो-तीन बार ऐसा करते हैं तो कोई बात नहीं, क्योंकि ऐसी हालत में आप बकाया पर ब्याज चुकाते हैं, जिससे क्रेडिट कार्ड कंपनी की कमाई होती है. लेकिन अगर आप इसे अपनी प्रैक्टिस बना लेते हैं तो इससे आप पर बकाया का कर्ज बढ़ता ही चला जाएगा और मुमकिन है कि आप डेट ट्रैप में फंस जाएं. ऐसे में आपके लिए कर्ज चुकाना मुश्किल हो सकता है, जो क्रेडिट कार्ड कंपनी के लिए एक बड़ा रिस्क होता है. ऐसे में भी कंपनियां ग्राहकों के कार्ड की लिमिट को घटा देती हैं.
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3- जरूरत से ज्यादा क्रेडिट लिमिट का इस्तेमाल
ऐसे भी कई ग्राहक होते हैं तो अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल कर लेते हैं. आपको मिली लिमिट और जितना अमाउंट आप इस्तेमाल कर लेते हैं उसे यूटिलाइजेशन रेश्यो कहते हैं. अगर ये यूटिलाइजेशन रेश्यो अधिक हो जाता है तो भी क्रेडिट लिमिट घटाई जा सकती है. मान लीजिए आपके कार्ड पर 1 लाख रुपये की लिमिट है और आप हर महीने 80 हजार से लेकर 90-95 हजार रुपये तक की लिमिट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ये आपके लिए निगेटिव प्वाइंट होता है. दरअसल, ऐसे लोगों को क्रेडिट कार्ड कंपनियां इस तरह देखती हैं कि ये लोग क्रेडिट यानी कर्ज बहुत ज्यादा लेते हैं और रिस्की यूजर हो सकते हैं. ऐसे में कई बार ग्राहकों की क्रेडिट लिमिट ही घटा दी जाती है.
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4- बहुत सारे क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल
कई बार कुछ ग्राहक एक के बाद एक कई सारे क्रेडिट कार्ड ले लेते हैं. इससे उनकी कुल लिमिट तेजी से बढ़ जाती है. मान लीजिए आपके एक कार्ड की क्रेडिट लिमिट 1 लाख रुपये है और आपके पास कुल मिलाकर 10 क्रेडिट कार्ड हैं तो इस तरह आपकी कुल लिमिट 10 लाख रुपये हो जाती है. अब अगर आप इन कार्ड का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो भी बैंक को लगेगा कि आप कर्ज पर बहुत ज्यादा निर्भर रहते हैं और एक रिस्की यूजर हैं. ऐसे में बैंक आपकी क्रेडिट लिमिट को कम कर सकता है.
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5- कार्ड का बहुत कम इस्तेमाल करना
कई बार ऐसे भी ग्राहक होते हैं जो क्रेडिट कार्ड तो बनवा लेते हैं, लेकिन उन्हें कार्ड इस्तेमाल करना ठीक से नहीं आता या अच्छा नहीं लगता. नतीजा ये होता है कि वह क्रेडिट कार्ड का बहुत ही कम इस्तेमाल करते हैं. बैंकों की तरफ से ऐसे ग्राहकों की भी क्रेडिट लिमिट घटा दी जाती है, क्योंकि बैंकों का फायदा तभी होगा जब अपने कार्ड का खूब इस्तेमाल करेंगे.
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